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इतिहास

“सफलता पथ की ओर आरंभिक कदम”

जड़ें

हमारी यात्रा शुरू होती है 1887 में। जब हमारे पूर्वजों ने अपने गृह राज्य राजस्थान के रेगिस्तान को पानी और खाद्यान्न की तलाश और आस में छोडा और पहुँच गये प्रसिद्ध अजंता गुफाओं की पहाडी की गोद में स्थित गांव वाकोद में। उन्होंने वहां अपनी जीविका के लिये खेती करना शुरू किया।

1963 में साधारण हाथगाड़ी से केरोसीन बेचने का कार्य आरंभ किया, कानून की स्नातकीय डिग्री धारक नवयुवक श्री भवरलाल जैन ने और अपने पारिवारिक व्यवसाय व्यापार की नींव रखी। अपनी तीन पीढ़ियो की एकत्रित कुल जमा पूँजी रु. 7000/- से। शीघ्र ही दो पहिया वाहन और मोटर स्पेअर पार्ट्स व एक्सेसरीज की एजेंसी भी आ गयी।

सफलता की कहानी

व्यापार

उक्ति “कृषि भविष्य का व्यापार” से प्रेरित होकर नवयुवक जैन ने ट्रेक्टर्स, स्प्रिंकलर्स सिस्टम, पीवीसी पाईप और अन्य कृषि उपकरणों की डीलरशीप ली। कृषि सम्बन्धी व्यापार को विस्तार देने के उद्देश्य से अन्य आदानों जैसे खाद, बीज, कीटनाशक आदि का भी समावेश किया। विक्रय 1963 में एक मिलियन रुपये था जो बढ़कर 1978 में 110 मिलियन रुपये हो गया, एक उल्लेखनीय 110 गुना वृद्धि। इन निर्माणात्मक वर्षों में हम दीर्घकालीन और असाधारण उद्योग स्थापित करने में कामयाब हो सके। यह सब, एक ओर तो उच्च श्रेणी का कार्यनिष्पादन व वैयक्तिक व्यवहार और दूसरी ओर निर्धारित लक्ष्य समय पर कर्ज अदायगी के प्रति अपार कटिबद्धता से संभव हुआ। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय प्रमुखों से व्यवहार इस मनोभाव के लिये मुख्य घटक था। समय के साथ हमारी पहचान प्रतिष्ठित, विश्वसनीय व सन्माननीय घराने में होने लगी। इस पृष्ठभूमि ने हमें उद्योग जगत में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया।

परिष्कृत पपेन (Refined Papain)

हमने 14 वर्ष पुरानी बीमार केला पावडर फॅक्ट्री का अप्रेल 1978 में उच्च निलाम दर रु. 30 लाख में अधिग्रहण किया। उस समय हमारे पास मात्र 2 लाख रुपये निश्चित अतिशेष था। प्लांट को शीघ्र ही पपेन लेटेक्स ‘परिष्कृत पपेन’ बनाने के लिये परिवर्तित किया और दिसम्बर 1978 में संस्थापक ने न्यूयार्क की ओर जैन पपेन के ग्राहक ढूंढने के लिये कूंच किया। कच्चे माल की स्थानीय खरीदी के लिये और विदेश में पपेन बेचने के लिये कठिन प्रतिस्पर्धा थी। अथक स्वयं प्रयास अनुसंधान व विकास के बलबूते पर हम ने परिष्कृत पपेन के प्रथम क्रमांक के प्रदायक बन गये। इस तरह पपेन से हम अन्तर्राष्ट्रीय नक्शे पर दर्ज हुये।

पीवीसी पाईप

300 मेट्रिक टन प्रतिवर्ष की उत्पादन क्षमता से वर्ष 1980 में पीवीसी पाईप उत्पादन का आरम्भ हुआ और वर्ष 1997 तक 35600 मेट्रिकटन की वार्षिक क्षमता से हमें देश में पीवीसी पाईप के एकमात्र उत्पादक होने का गौरव प्राप्त हुआ। एक सुगठित वितरक एंव डीलर नेटवर्क, ग्रामीण क्षेत्र तक में स्थापित कर तथा सतत तकनीकी सुधार, उच्च गुणवत्ता, घरेलू अनुसंधान एंव विकास कार्यक्रम की सहायता से उत्पाद श्रृंखला में केसिंग व स्क्रीन पाईपिंग प्रणाली का समावेश हुआ और निर्यात की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली

वर्ष 1989 में शुरूवात करके, जल प्रबन्धन के क्षेत्र में अग्रणीयता के लिये संघर्ष व मजबूत जीजिविशा से नई नई तकनीकों से भारतीय कृषि के अनुरूप सुक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को प्रस्तुत किया। इस प्रकार से कृषि उद्योग विकास में एकात्मक पहुँच रखते हुये हमने एक लम्बा रास्ता तय किया है।

खाद्य प्रसंस्करण

निर्जलीकरण के लिये वर्ष 1994 में एक विश्वस्तरीय प्याज, सब्जियों का निर्जलीकरण, फलों की प्यूरी, कान्सन्ट्रेट व पल्प के प्रसंस्करण के लिये प्रकल्प आरम्भ किया। यह इकाईयाँ आयएसओ 9001 और एच एसीसीपी (HACCP) मानक प्रमाणित है तथा FDA एफडीए प्रावधानों के अनुरुप है। पश्चिम की आधुनिक तकनीक से समन्वय करते हुये और भारतीय कृषि के अनछुए पहलुओं, स्थानीय मानव संसाधन के श्रेष्ठ उपयोग से सर्वोत्तम गुणवत्ता और ग्राहक सेवा उपलब्ध कराने में सफल हुए। हमने विश्व में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता व विश्वसनीय खाद्य घटकों के प्रदायक बनने का लक्ष्य स्वयं के लिये निर्धारित किया है।

आज विश्व भर में फैले हुए हमारे 10,000 से अधिक समर्पित सहयोगियों की सहायता से हमने अपने विस्तृत उत्पादन जैसे सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली कृषि आदानो, कृषि प्रसंस्करित उत्पाद, प्लास्टिक पाईप्स और शीट्स आदि के व्यवसाय में अग्रणीयता स्थापित की है।



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