इन्स्टालेशन के बाद ग्राहक को निम्न बिंदुओ को ध्यान में रखने का परामर्श है।
a) सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम में सिर्फ पीने योग्य /स्वच्छ मृदू जल , जिसे कठोरता 50 PPM से कम हो, ऐसे पानी का उपयोग ना करे।
b) वांछित तापमान का पानी प्राप्त होने के लिये 7 घंटे तक सूर्यप्रकाश मिलना आवश्यक है। यह समय सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश की मात्रा पर निर्भर है।
c) उपकरण का मुख्य कार्यक्षम समय प्रात: (सूर्योदय) से संध्याकाल (सूर्यास्त) तक है। किन्तु यह वर्ष के सिजन और बादलों की सघनता पर निर्भर है।
d) सघन बादल आच्छादित दिनों में गरम पानी का अधिक उपयोग नही करे।
e) दिन के समय में गरम पानी के अधिक प्रत्याहार (Withdrawal) से अगले दिन सुबह कम गरम पानी मिलेगा।
f) इनलेट ठंडे पानी की पाइप लाइन की पर्याप्त लम्बाई, आउटलेट गरम पानी की पूर्ण लम्बाई तथा कलेक्टर और टंकी के बीच की पाइपलाईन पानी के तापमान –हास को रोकने के लिये अवश्यमेव इन्सुलेटेड करें।
g) कलेक्टर का ग्लास आवरण नियमित रूप से, धूल दूर करने के लिये साफ करे।
h) कठोर पानी के इस्तेमाल किये जाने पर और वैसे भी नियमित अंतराल पर डिस्केलिंग (अप्रवर्धन), सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम की कार्यशील आयु और श्रेष्ठ कार्यक्षमता के लिये, ग्राहक व्दारा अवश्य किया जाना चाहिए।
i) जैन सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम के प्रयोक्ताओं को चेतावनी दी जाती है की गर्मी के दिनों मे कभी भी बाष्पमय गरम पानी, या जब गरम पानी का उपयोग कम हो रहा हो, या बिल्कुल नही हो रहा हो, गरम पानी का तापमान कम करने के लिये ठंडा पानी आवश्यकतानुसार उपयोग के पूर्व अवश्य मिलावें। विकल्प के रूप में कलेक्टर के मुख्य क्षेत्र को अंशिक रूप से अपारदर्शी मटेरियल जैसे कार्डबोर्ड,/प्लास्टीक/प्लायवुड से ढंक देवे।
j) अधिक जानकारी के लिये कम्पनी अधिकारी/अभियंता से सम्पर्क करे।
k) नियमित अन्तराल पर फिल्टर (यदि लगाया गया हो), की सफाई सिस्टम की कार्यशीलता बराबर बनाये रखने के, लिये करे।
l) ओवरहेड ठंडे पानी की टंकी हमेशा पूर्ण भरी हुई रखें ताकि सिस्टम मे एयर नही आ सके।